प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के गर्भ गृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि ‘यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे प्राण प्रतिष्ठा के लिए बुलाया गया है. भगवान राम 22 जनवरी को हमें दर्शन देंगे.’
उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा ‘अभी कुछ दिन बाद 22 जनवरी को रामलला भी अपने भव्य और दिव्य मंदिर में हमें दर्शन देंगे. मेरा सौभाग्य है कि मुझे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में बुलाया गया है. जब आपने मुझे इतना बड़ा दायित्व दिया है तो मैंने भी 11 दिन व्रत अनुष्ठान का एक संकल्प किया हुआ है.’
पीएम मोदी ने आगे कहा ‘आज एक तरफ अयोध्या में दिवाली मनाई जा रही है तो दूसरी तरफ 1 लाख आदिवासी भाई-बहन अपने घरों में दिवाली मना रहे हैं क्योंकि उन्हें अपना पक्का घर मिलने वाला है. यह मेरे लिए बेहद खुशी का पल है. आज जिन आदिवासी परिवारों को ये घर मिल रहे हैं, मैं उन सभी परिवारों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं.’ उन्होंने आगे कहा ‘मेरे आदिवासी भाई-बहन, भले ही दूर-दराज के इलाक़ों में रहते हों, लेकिन दूरदृष्टि कमाल की होती है. आज आदिवासी समाज देख और समझ रहा है कि कैसे हमारी सरकार जनजातीय संस्कृति और उनके सम्मान के लिए काम कर रही है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा ‘सिकल सेल अनीमिया के खतरों से आप सभी अच्छी तरह परिचित हैं. इस बीमारी से आदिवासी समाज की कई-कई पीढ़ियां प्रभावित रहीं हैं. अब सरकार कोशिश में जुटी है कि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाने वाली ये बीमारी जड़ से समाप्त हो.’ उन्होंने आगे कहा ‘कि आदिवासी साथियों के लिए वन उपज बहुत बड़ा सहारा है. 2014 के पहले करीब 10 वन उपजों के लिए ही एमएसपी तय की जाती थी. हम लगभग 90 वन उपजों को एमएसपी के दायरे में लाए हैं. वन उपजों के अधिक से अधिक दाम मिले, इस लिए हमने वन धन योजना बनाई.’