आज पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस मौके पर नारी शक्ति की झलक देखने को मिलेगी. कर्तव्य पथ पर ‘‘महिला सशक्तीकरण’’ पर केंद्रित 26 झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी, जिनमें सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भूमिका से लेकर महिला वैज्ञानिकों के योगदान की झलक मिलेगी. केंद्र सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि कर्तव्य पथ पर 75वें गणतंत्र दिवस की परेड महिला केंद्रित होगी और ‘विकसित भारत’ और ‘भारत-लोकतंत्र की मातृका’ मुख्य विषय होंगे.
सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिकाओं पर प्रकाश डालते हुए, मणिपुर की झांकी में महिलाओं को कमल के तने के नाजुक रेशों से काम करते और पारंपरिक ‘चरखे’ का इस्तेमाल करके धागा बनाते हुए दिखाया जाएगा. झांकी के सामने वाले हिस्से में एक महिला को मणिपुर की लोकताक झील से कमल की डंडियां एकत्र करते हुए दिखाया जाएगा. झांकी के किनारों पर नावों पर सवार और कमल की डंडियां एकत्र करती हुई महिलाओं को प्रदर्शित किया जाएगा.
मणिपुर की झांकी के पीछे ‘इमा कीथेल’ की एक प्रतिकृति बनाई गई है – जो एक महिला बाजार है. यह बाजार कई सदियों पुराना है और इसे पूरी तरह से महिलाएं चलाती हैं. महत्वपूर्ण प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने के अलावा, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) रक्षा अनुसंधान के मुख्य क्षेत्रों में अपनी महिला वैज्ञानिकों के महत्वपूर्ण योगदान को चित्रित करने के लिए तैयार है.
एंटी-सैटेलाइट मिसाइल से लेकर तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल और हल्के लड़ाकू विमान तेजस तक, डीआरडीओ में महिलाओं की भागीदारी को उनकी झांकी में प्रमुखता से उजागर किया जाएगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रमा पर अपने लैंडिंग स्थल ‘शिव शक्ति’ बिंदु पर ‘चंद्रयान -3’ का प्रदर्शन करेगा. बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय की झांकी में भारत के समुद्री क्षेत्र के विकास को प्रदर्शित किया जाएगा.
मध्य प्रदेश की झांकी में कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से विकास प्रक्रिया में महिलाओं के एकीकरण की राज्य की उपलब्धि को प्रदर्शित किया जाएगा. मध्य प्रदेश की आत्मनिर्भर और प्रगतिशील महिलाओं पर प्रकाश डालते हुए, झांकी आधुनिक सेवा क्षेत्र से लेकर लघु उद्योग तक के क्षेत्रों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी पर केंद्रित होगी. झांकी में मध्य प्रदेश की पहली महिला लड़ाकू पायलट, भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की अवनी चतुर्वेदी होंगी. वह एक लड़ाकू विमान के मॉडल के साथ खड़ी नजर आएंगी
ओडिशा की झांकी में हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को दर्शाया जाएगा, वहीं छत्तीसगढ़ की झांकी में बस्तर के आदिवासी समुदायों में महिला प्रभुत्व को प्रदर्शित किया जाएगा. गुजरात सरकार ने सोमवार को कहा था कि कच्छ के धोरडो गांव पर एक झांकी नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित की जाएगी. धोरडो गांव ने हाल में 54 सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों की सूची में जगह बनाई है.
तमिलनाडु की झांकी में बर्तनों में पत्ती मतपत्रों को प्रदर्शित करके 10वीं शताब्दी के चोल युग के दौरान लागू की गई मतदान प्रक्रिया को प्रदर्शित किया जाएगा. राजस्थान की झांकी राज्य की उत्सव संस्कृति के साथ-साथ महिला हस्तशिल्प उद्योगों के विकास का प्रदर्शित करेगी. झांकी में नर्तकी के पुतले के साथ राजस्थान के प्रसिद्ध ‘घूमर’ लोक नृत्य को दर्शाया जाएगा. इसमें मीरा बाई की एक खूबसूरत मूर्ति भी होगी, जो भक्ति और शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं. झांकी में बंधेज, बगरू प्रिंट सहित समृद्ध हस्तशिल्प परंपराओं की झलक भी दिखाई जाएगी.
हरियाणा की झांकी में सरकारी कार्यक्रम ‘मेरा परिवार-मेरी पहचान’ के जरिए राज्य में महिलाओं के सशक्तीकरण को प्रदर्शित किया जायेगा. झांकी में हरियाणवी महिलाओं को डिजिटल उपकरण का इस्तेमाल करते हुए दिखाया जायेगा कि कैसे ‘डिजिटल इंडिया’ पहल के जरिये वे सिर्फ एक ‘क्लिक’ के साथ सरकारी योजनाओं तक अपनी पहुंच बना सकती हैं. छत्तीसगढ़ की झांकी में बस्तर के आदिवासी समुदायों में महिला प्रभुत्व को दर्शाया जाएगा. परंपराओं को प्रदर्शित करने के लिए इसे बेल मेटल और टेराकोटा कलाकृतियों से सजाया गया है.
इस वर्ष आंध्र प्रदेश की झांकी स्कूली शिक्षा में बदलाव और छात्रों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के विषय पर है. लद्दाख की झांकी में भारतीय महिला आइस हॉकी टीम का प्रदर्शन किया जायेगा जिसमें लद्दाखी महिलाएं भी शामिल हैं.