पश्चिम बंगाल में फर्जी प्रमाण पत्र के मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट के दो जजों के बीच जारी लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा दखल दिया है. सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की संविधान पीठ ने शनिवार को इस केस पर सुनवाई की. बेंच ने इस केस पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सिंगल जज और डिवीजन बेंच की सुनवाई पर रोक लगा दी. इसके साथ ही सिंगल जज के सीबीआई जांच के आदेश पर भी रोक लगा दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बंगाल सरकार और हाईकोर्ट के याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया है. अदालत अब इस मामले पर 29 जनवरी को सुनवाई करेगा.
क्या है पूरा विवाद
दरअसल कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने 24 जनवरी बुधवार को सुबह एक आदेश पारित कर पश्चिम बंगाल पुलिस से फर्जी प्रमाण पत्र के मामले से संबंधित दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को कहा था. हालांकि हाईकोर्ट की एक दूसरी डबल बेंच ने उसी दिन जस्टिस गंगोपाध्याय के आदेश पर रोक लगा दी थी.
इस रोक के बावजूद अगले दिन जस्टिस गंगोपाध्याय की सिंगल बेंच ने अगले दिन 25 जनवरी को फिर से आदेश सुनाते हुए मामले के कागजात सीबीआई को सौंपने की अनुमति दे दी. यही नहीं जस्टिस गंगोपाध्याय ने डिवीजन बेंच की अध्यक्षता कर रहे जज सोमेन सेन पर एक राजनीतिक पार्टी के इशारे पर काम करने का आरोप लगा दिया.