अब -40 डिग्री सेल्सियस तापमान में तैनात भारत-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) फोर्स के जवानों के माथे पर यह सोच कर पसीना नहीं आएगा कि आखिर उनके बच्चों के भविष्य का क्या होगा? अब इन जवानों के बच्चों के भविष्य को संवारने की चिंता करने की जिम्मेदारी हिमवीर वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (हावा) ने अपने हाथों में ले ली है.
इतना ही नहीं, हावा जवानों के उन मेधावी बच्चों की भी चिंता कर रही है, जो यूपीएससी की परीक्षा देकर आईएएस और आईपीएस बनना चाहते हैं. लेकिन, आर्थिक मजबूरियों की वजह से वे अपने इन सपनों को पंख नहीं दे पा रहे हैं. हावा ने अब यह फैसला किया है कि इन मेधावी बच्चों की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में आने वाला पूरा खर्च उनकी संस्था उठाएगी.
हावा की चेयरपर्सन गौरी रसगोत्रा ने बताया कि इस बाबत हावा ने अनअकेडमी के साथ एक अनुबंध किया है. अनुबंध के तहत, अनअकेडमी यूपीएससी की तैयारी कर रहे बच्चों को न केवल स्टडी मैटेरियल उपलब्ध कराएगी, बल्कि उन्हें कोचिंग की सुविधा भी देगी. बच्चों की पढ़ाई में आने वाले खर्च का बड़ा हिस्सा स्माइल फाउंडेशन नामक संस्था की तरफ से दिया जाएगा
हावा की चेयरपर्सन गौरी रसगोत्रा के अनुसार, हावा की कोशिश है कि तमाम मुश्किल चुनौतियों का सामना कर ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाने वाले किसी भी जवान को अपने परिवार को लेकर परेशान न होना पड़ेगा. हावा यह सुनिश्चित करेगी कि वह अपने जवानों की देखभाल वैसे ही करें, जैसे कोई माता-पिता अपने बच्चों की देखभाल करते हैं.