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यूरोपीय थिंक टैंक का खुलासा, भारत ने रूसी तेल खरीदकर पश्चिमी देशों को 6.65 अरब डॉलर का ईंधन किया निर्यात

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भारत ने जी-7 देशों को जो पेट्रोलियम प्रोडेक्ट्स बेचा है उसमें एक तिहाई हिस्सेदारी रूस से आयात किए गए कच्चे तेल का था जो भारत ने सस्ते दामों पर खरीदा था. फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के पहले के बाद अमेरिका की अगुवाई में पश्चिमी देशों ने रूस से कच्चे तेल आयात पर बंदिशें लगा दी थी. लेकिन भारत ने रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल आयात किया फिर उसकी रिफाइनिंग करने के बाद पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को इन्हीं देशों को बेचा है. एक यूरोपीय थिंक टैंक ने इस बात का खुलासा किया है.

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूस के कच्चे तेल आयात पर बंदिशें लगा दी. जिसके बाद रूस ने भारत को सस्ते दामों पर कच्चे तेल बेचने का ऑफर दिया. भारत ने मौके का फायदा उठाते हुए रूस से अंतरराष्ट्रीय दामों के मुकाबले सस्ते दामों पर कच्चा तेल आयात किया था. भारत की तेल कंपनियों ने रूस से आयातित कच्चे तेल की भारत में रिफाइनिंग की. और बाद में उससे तैयार किए गए डीजल को जी-7 देशों, यूरोपियन यूनियन और ऑस्ट्रेलिया को एक्सपोर्ट किया. पश्चिमी देशों ने रूस से आयातित कच्चे तेल को रिफाइन करने के बाद तैयार किए डीजल को बेचने पर कोई बंदिशें नहीं लगाई थी.

फिनलैंड स्थित रिसर्च संस्थान ‘सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर’ (सीआरईए) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने रूस से आयातित कच्चे तेल की रिफाइिंग करने के बाद जी-सात के देशों और यूरोपीय संघ एवं ऑस्ट्रेलिया को निर्यात किया है. सीईआरए ने कहा, रूसी आयल पर प्राइस कैप लगने के बाद के 13 महीने में रूसी कच्चे तेल से रिफाइन किए गए पेट्रोलियम उत्पादों का इन देशों को किए गए कुल निर्यात में एक तिहाई हिस्सा रहा है. इन देशों को भारत ने 6.65 अरब डॉलर का पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का निर्यात रूसी तेल की मदद से किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी देशों को भारत से रूसी ऑयल से तैयार किए गए पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के निर्यात में एक बड़ा हिस्सा जामनगर स्थित रिलायंस रिफाइनरी का रहा है. इस बारे में टिप्पणी के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया है. भारत ने बीते दो वर्षों में रूस से बड़े पैमाने पर कच्चे तेल का आयात किया है. सस्ते दामों पर रूसी कच्चा तेल मिलने से भारत को अपना आयात बिल भी कम करने में मदद मिली है. सीआरईए के मुताबिक इन देशों के पेट्रोलियम प्रोडेक्ट्स निर्यात करने के लिए भारत ने रूस से 3.05 बिलियन डॉलर का कच्चा तेल खरीदा है.

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