गुरुवार 29 फरवरी 2024 को वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े घोषित होंगे. अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 6.7 से 6.9 फीसदी रहने का अनुमान है जो दूसरी तिमाही के 7.6 फीसदी रहे जीडीपी ग्रोथ रेट से कम है. कृषि क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के चवते जीडीपी ग्रोथ रेट कम रहने का अनुमान जताया जा रहा है.
एसबीआई रिसर्च ने बुधवार एक रिपोर्ट जारी किया है जिसमें ये अनुमान जताया गया है. वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ का आधिकारिक आंकड़ा जारी होने से एक दिन पहले एसबीआई ने ये अनुमान जाहिर किया है. जबकि दूसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जोरदार उछाल के चलते जीडीपी ग्रोथ रेट उम्मीद से कहीं अधिक 7.6 फीसदी रही थी. इस आंकड़े के साथ ही भारत दुनिया में सबसे तेज गति से आर्थिक विकास करने वाला देश बन गया. आर्थिक विकास में तेजी की वजह सरकार के एक्सपेंडिचर में बढ़ोतरी के साथ मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में तेजी रही.
एसबीआई रिसर्च का तीसरी तिमाही में 6.7 से 6.9 फीसदी के ग्रोथ रेट का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के 7 फीसदी के ग्रोथ रेट के अनुमान से कम है. एसबीआई रिसर्च ने चौथी तिमाही में 6.8 फीसदी ग्रोथ रेट रहने की संभावना जाहिर की है. एसबीआई रिसर्च ने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर, 2023 तिमाही में ग्रोथ रेट में कमी का अनुमान का सबसे बड़ा कारण कृषि क्षेत्र का खराब प्रदर्शन है.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने सालाना जीडीपी ग्रोथ का पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक 2023-24 वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 7.3 फीसदी के दर से विकास करेगी. पहले वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी 7.2 फीसदी रहा था. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जीडीपी के एडवांस एस्टीमेट का आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि 2023-24 में देश का जीडीपी 171.79 लाख करोड़ रुपये रह सकता है जो 2022-23 में 160.66 लाख करोड़ रुपये रहा था.
इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड ने कहा है कि 2024 में भारत 6.5 फीसदी के दर से विकास करेगा. आईएमएफ ने अपने अनुमान में 20 बेसिस प्वाइंट का सुधार किया है. 2025 में भी आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि भारत का जीडीपी 6.5 फीसदी रह सकता है. हालांकि 2023 के 6.7 फीसदी के अनुमान के मुकाबले ये कम है. जबकि भारत सरकार का खुद का अनुमान 7.3 फीसदी का है.