दिल्ली से कोलकाता जाने वाली स्पाइस जेट की फ्लाइट को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया. इस बार ई-मेल के जरिए एयरपोर्ट ड्यूटी मैनेजर को बम के बाबत आगाह किया गया था. ई-मेल में बताया गया था कि दिल्ली से कोलकाता जाने वाली फ्लाइट SG-8263 का एक यात्री अपने साथ विस्फोट लेकर एयरपोर्ट पहुंचा है. लिहाजा, सभी यात्रियों के सामान की सघन जांच के साथ आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है.
आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी ऊषा रंगनानी के अनुसार, गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट के साथ फुल इमरजेंसी डिक्लेयर कर दी गई. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए निर्धारित एसओपी के तहत एयरपोर्ट पर सघन तलाशी अभियान चलाया गया. दिल्ली से कोलकाता जाने वाले विमान, फ्लाइट SG-8263 के सभी यात्रियों और उनके चेक-इन बैगेज की सघन तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान, इस ड्रिल में शामिल किसी भी सुरक्षा एजेंसियों को कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला.
कोलकाता के एक होटल से आया था ईमेल
सबकुछ दुरुस्त मिलने के बाद स्पाइस जेट की इस फ्लाइट को उड़ान भरने की इजाजत दे दी गई. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए आईजीआई एयरपोर्ट के एसएचओ विजेंदर राणा के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई, जिसमें इंस्पेक्टर अजय यादव, इंस्पेक्टर रामवीर, एसआई अशोक और हेडकॉन्स्टेबल विनोद भी शामिल थे. जांच टीम ने पहले ऐसे यात्रियों से सघन पूछताछ की, जिनकी फ्लाइट किन्हीं कारणों से छूट गई थी. लेकिन, इनमें से किसी यात्री की इस मामले में संलिप्तता के साबित नहीं की जा सकी.
मोबाइल फोन का डाटा सामने आते ही उठा राज से पर्दा
पुलिस टीम ने होटल को इंटरनेट की सुविधा देने वाले कंपनी के राउटर से डेटा लेने की कोशिश की, लेकिन वहां भी पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा. इसके बाद, पुलिस टीम ने होटल में ठहरे सभी गेस्ट के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया. इसी कवायद के दौरान पुलिस को पता चला कि होटल में ठहरे नजरूल इस्लाम से मिलने उसका एक रिश्तेदार दिल्ली से आया था, जिसका नाम अमरदीप कुमार था. जांच में यह भी पता चला कि यह रिश्तेदार स्पाइस जेट की उसी फ्लाइट से आया था, जिसको लेकर धमकी भरा ई-मेल भेजा गया था.
इस खुलासे के बाद पुलिस ने अमरदीप कुमार से पूछताछ शुरू की. अमरदीप ने पुलिस को बताया कि वह अपने जीजा नजरूल इस्लाम से मिलने इस होटल में आया था. इस मामले में अमरदीप कुमार की भी कोई संलिप्तता नहीं मिली. लेकिन जब उसके जीजा नजरूल इस्लाम का मोबाइल चेक किया गया तो पता चला उसने फोन की हिस्ट्री और डाटा डिलीट कर दिया है. जिसके बाद कोलकाता cyber पुलिस की मदद से फोन का डाटा रिट्रीव कर लिया गया और इस डाटा के सामने आते ही इस पूरे मामले से पर्दा उठ गया.