Home छत्तीसगढ़ नई न्याय प्रणाली मानवीय संवेदनाओं को देती है सर्वाेच्च प्राथमिकता- मुख्यमंत्री श्री...

नई न्याय प्रणाली मानवीय संवेदनाओं को देती है सर्वाेच्च प्राथमिकता- मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

5

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि नवीन कानून छत्तीसगढ़ राज्य के कानूनी परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होंगे। नवीन अपराधिक कानूनों पर छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारियों को व्यापक रूप से प्रशिक्षण प्रदाय करने हेतु हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय एवं छत्तीसगढ़ पुलिस के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना कानूनी प्रणाली को मजबूत करने एवं सभी के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार नवीन आपराधिक कानूनों की मंशानुरूप छत्तीसगढ़ के नागरिकों को त्वरित एवं समुचित न्याय प्रदान करने कृत संकल्पित है। हमारी नई न्याय प्रणाली मानवीय संवेदनाओं को सर्वाेच्च प्राथमिकता देती है। यह भारतीय न्याय प्रणाली का बहुत बड़ा टर्निंग पाईंट है एवं देश में नये अध्याय की शुरूआत होती है। जहां अंग्रेजों के कानून में दंड पर जोर दिया गया है, वहीं देश के नवीन कानून न्याय की बात करता है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि तीन कानूनों के संदर्भ में जब चर्चा प्रारंभ हुई तब हमने भी राज्य में विचार विमर्श कर निर्णय लिया कि महिलाओं के विरूद्ध कोई अपराध घटित होता है तो इस मामले में समुचित कार्रवाई के लिए महिला थाना की संख्या बढ़ानी चाहिए। इसे हमने संकल्प के रूप में लेकर प्रथम बजट में ही जिलों में नवीन महिला थाना खोले जाने का प्रावधान किया है। 07 साल से अधिक के प्रकरण में फोरेंसिक जांच होनी चाहिए। हम फोरेंसिक जांच को और अधिक सशक्त बनाएंगे। इस हेतु बिलासपुर यूनिवर्सिटी से करार कर एम.एस.सी इन फोरेंसिक की पढ़ाई हो इसके प्रयास किये जा रहे हैं। नवीन कानून में संगठित अपराध, आतंकवाद को परिभाषित किया गया है एवं माब लिंचिंग एवं अनाचार के मामलों में मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। उद्बोधन के अंत में उनके द्वारा छत्तीसगढ़ पुलिस एवं हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को बधाई दी गई।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित केन्द्रीय गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कानून में संशोधन हेतु गठित समिति के अध्यक्ष प्रो. रणबीर सिंह ने अपने उद्बोधन में नवीन कानूनों के ड्राफ्ट तैयार करने एवं इसे लागू कराने के सबंध में उपस्थित अधिकारियों को महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। साथ ही उनके द्वारा नवीन कानूनों के संबंध में उपस्थित अधिकारियों से उनकी जिज्ञासा के सवालों का उत्तर एवं परिचर्चा की गई। उन्होंने बताया कि ‘छत्तीसगढ़ देश का प्रथम राज्य है, जिसने पुलिस अधिकारियों के क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आज यह एम.ओ.यू. पर करार किया है।’
इस अवसर पर सर्वप्रथम स्वागत भाषण में पुलिस महानिदेशक, छत्तीसगढ़ श्री अशोक जुनेजा ने कहा कि भारत की संसद द्वारा पारित किये गये 3 नवीन कानून जो दिनांक 01 जुलाई, 2024 से पूरे देश में लागू हो रहे हैं। इन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु दिल्ली एवं चंडीगढ़ द्वारा किये जा रहे कार्य का अध्ययन एवं अवलोकन कर देश के प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थानों से चर्चा कर प्रशिक्षण की रूपरेखा तैयार की गई है। नवीन कानूनों के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक संसाधन, प्रशिक्षण व साफ्टवेयर/हार्डवेयर अपग्रेडेशन पर होने वाले व्यय का आंकलन कर शासन को बजट प्रस्ताव, नवीन कानून के आवश्यकता अनुरूप महिला विवेचकों के पद एवं अन्य प्रस्ताव, ‘विटनेश प्रोटेक्शन स्कीम’ का ड्राफ्ट एवं रीडिंग मटेरियल तैयार किया गया। जनमानस को नवीन कानून के बारे में जागरूक करने हेतु ‘गणतंत्र दिवस परेड स्थल’ पर विभिन्न पोस्टर, पाम्पलेट एवं झांकी तैयार कर प्रदर्शित की गई। जिला स्तर पर नवीन कानूनों के प्रति जागरूकता एवं व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here