देश में डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का चलन बढ़ता जा रहा है. डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन या ऑफलाइन पेमेंट करना आसान है लेकिन कई बार धोखाधड़ी की भी संभावना रहती है. अगर आप डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपको काफी सतर्क रहने की जरूरत है. एक गलती की वजह से आपको लाखों रुपये का नुकसान हो सकता है. ऐसे में आप कुछ उपायों के जरिए अपने कार्ड को सुरक्षित कर सकते हैं.
इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन ब्लॉक कराना जरूरी
फेसबीके, गूगल ऑक्ट्रा, एपिक गेम्स, स्ट्रीम गेम्स, आईट्यून्स समेच कई विदेशी वेबसाइट इंटरनेशनल शॉपिंग के लिए क्रेडिट या डेबिट कार्ड के नंबर और सीवीवी से ही ट्रांजैक्शन पूरा कर देती हैं. इसके लिए कार्डहोल्डर के पास ओटीपी भी नहीं जाता. ट्रांजैक्शन पूरा होने के बाद कार्डहोल्डर के पास मैसेज जाता है.
ट्रांजैक्शन को ब्लॉक-अनब्लॉक करने की सुविधा
कई कार्ड जब जारी होते हैं तो उसमें इंटरनेशन ट्रांजैक्शन आमतौर पर ब्लॉक होता है. बैंकों के ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के जरिए अलग-अलग तरह के ट्रांजैक्शन को ब्लॉक-अनब्लॉक कर सकते हैं. इसके जरिए ग्राहक अपने कार्ड को हमेशा या कुछ समय के लिए एटीएम ट्रांजैक्शन, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन के लिए ब्लॉक रख सकता है. जब उसे जरूरत हो तो वह कार्ड को अनब्लॉक कर सकता है. अच्छा रहेगा कि आप हमेशा इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन को ब्लॉक कर रखें और जरूरत पड़ने पर अनब्लॉक करें.
‘सिम स्वाइप फ्रॉड’ का इस्तेमाल
जालसाज अब पैसे निकालने के लिए ‘सिम स्वाइप फ्रॉड’ का इस्तेमाल कर रहे हैं. सिम कार्ड स्वैप करने का सीधा मतलब मोबाइल सिम बदलने से है. इसमें आपके खाते तक पहुंचने के लिए आपके फोन नंबर का इस्तेमाल किया जाता है और सिम स्विच किया जाता है. इस तरह के मामले में जालसाज आपके मोबाइल फोन नंबर का सिम कार्ड एक्टिव करा लेते हैं और जालसाजी को अंजाम देते हैं. ऐसे में अपने सिम को हमेशा अपडेट करते रहें और इसकी केवाईसी समय-समय पर कराते रहें. सोशल मीडिया पर पर्सनल जानकारी शेयर करते समय अलर्ट रहें. SMS के अलावा ईमेल को भी बैंकिंग ट्रांजेक्शन के लिए रजिस्टर करना बेहतर रहता है.