एमएसएमई (MSME) का फुल फॉर्म माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (Micro, Small and Medium Enterprises) होता है. हिंदी में इसे ‘सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग’ कहते हैx. देश में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने और उनकी आर्थिक रुप से मदद करने के लिए भारत सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय (Ministry of MSME) बनाया है.
अगर आप खुद का कारोबार करते हैं तो आपको एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन करा लेना चाहिए. इससे आपको सस्ते लोन समेत कई फायदे मिलेंगें. आज हम आपको एमएसएमई रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के बारे में बताएंगे.
रजिस्ट्रेशन के लिए ये उद्यम होंगे पात्र
सूक्ष्म उद्यम में उनका रजिस्ट्रेशन होगा, जिनका पूंजी निवेश एक करोड़ तक और टर्न ओवर 5 करोड़ तक होगा.
लघु उद्यम के अंतर्गत वो उद्यम पात्र होंगे, जिनका पूंजी निवेश 10 करोड़ तक और टर्न ओवर 50 करोड़ तक होगा.
इसी तरह मध्यम श्रेणी में वही उद्यम रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे जिनका पूंजी निवेश 50 करोड़ और टर्न ओवर 250 करोड़ तक होगा.
एमएसएमई रजिस्ट्रेशन के फायदे
बैंकों के द्वारा सस्ती ब्याज दर पर लोन
इनकम टैक्स में छूट
उद्योग के लिए लाइसेंस जल्द
MSME में रजिस्टर उद्योगों को वरीयता
बिजली के बिल में छूट
ज्यादा प्रोडक्शन पर टैक्स में भारी छूट
रजिस्ट्रेशन के लिए देनी होती है ये जरूरी जानकारियां
आधार नंबर
पैन नंबर
व्यवसाय का पता
बैंक अकाउंट नंबर
बुनियादी व्यावसायिक गतिविधि
एनआईसी (2 अंकों का कोड)
निवेश डिटेल (प्लांट/डिवाइस विवरण)
टर्नओवर डिटेल
पार्टनरशिप डीड
बिक्री और खरीद बिल प्रतियां
खरीदी गई मशीनरी के लाइसेंस और बिल की प्रतियां