दुनिया की सबसे बड़ी वैकल्पिक एसेट मैनेजर कंपनी ब्लैकस्टोन ग्रुप भारत में सालाना दो अरब डॉलर (1670 करोड़ रुपये से अधिक) का निवेश करने को लेकर आश्वस्त है. एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) जोनाथन डी ग्रे ने भारत में ब्लैकस्टोन जैसी कंपनियों के लिए कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करने के लिए कई उपायों की वकालत की. इसमें विलय और अधिग्रहण पर त्वरित मंजूरी, सूचीबद्ध कंपनियों का आसान निजीकरण और वाणिज्यिक मामलों में विवाद समाधान में सुधार शामिल हैं.
भारत में लगभग 2 साल से काम कर रहे है न्यूयॉर्क स्थित समूह ने कहा कि भारतीय निजी इक्विटी निवेश ने दुनियाभर में सबसे अधिक रिटर्न दिया है, और रियल्टी में निवेश ने भी अच्छा परिणाम दिया है. ब्लैकस्टोन के वरिष्ठ प्रबंध निदेशक अमित दीक्षित ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी योजना भारत में हर साल करीब दो अरब डॉलर का निवेश करने की है.’’
अब तक कितना निवेश?
कंपनी ने अबतक देश में कुल 50 अरब डॉलर का निवेश किया है, और कुछ निवेश को बाहर निकलने के बाद इसकी संपत्ति का मूल्य 30 अरब डॉलर है. इसकी मुंबई में स्थित 75 लोगों की एक निवेश टीम है जो विभिन्न क्षेत्रों में संपत्ति की तलाश करती है. ग्रे ने सरकार द्वारा पहले से किए गए कार्यों, जिसमें दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता और माल और सेवा कर (जीएसटी) शामिल हैं, की सराहना करते हुए कुछ सुधारों का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि भारत में विलय और अधिग्रहण सौदे को पूरा होने में दो साल तक का समय लगता है, जबकि घरेलू बाजार अमेरिका में यह सौदा कुछ हफ्तों में पूरा हो जाता है.
क्या होता है वैकल्पिक एसेट मैनेजर?
ऐसे ऐसेट्स जो पब्लिक एक्सचेंज पर ट्रेड नहीं किये जाते हैं. इन एसेट्स को पहचानना, मैनेज करना और एग्जीक्यूट करना ऑलटरनेटिव एसेट मैनेजमेंट कहलाता है. इन एसेट्स में निजी इक्विटी, हेज फंड, रियल एस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर, कमोडिटीज, ऊर्जा, कला, संग्रहणीय वस्तुएं, क्रिप्टोकरेंसी और निजी क्रेडिट शामिल है.