कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं की एक लंबी फेहरिस्त है जिन्होंने कमजोर पार्टी से अपना नाता 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद छोड़ा है. इन नेताओं में उत्तर में जम्मू कश्मीर से लेकर दक्षिण में केरल तक के कांग्रेस नेता शामिल रहे हैं. इन सभी नेताओं के कांग्रेस छोड़ने की वजह कांग्रेस नेतृत्व और कांग्रेस की कार्यप्रणाली में कमियां रही हैं.
आरपीएन सिंह ,जितिन प्रसाद ,संजय सिंह,अशोक चव्हाण,नवीन जिंदल,रवनीत बिट्टू,अमरिंदर सिंह,परनीत कौर,टॉम वडक्कन,सुष्मिता देव ,प्रियंका चतुर्वेदी,अनिल एंटनी,गौरव वल्लभ,ज्योतिरादित्य सिंधिया ,सुरेश पचौरी,अर्जुन मोढवाडिया,मिलिंद देवड़ा
सुरेश पचौरी :
50 सालों तक कांग्रेस से जुड़े रहे मध्य प्रदेश के बड़े चेहरों में से एक सुरेश पचौरी ने मार्च 2024 में बीजेपी का दामन थामा. सुरेश पचौरी चार बार कांग्रेस की टिकट पर राज्यसभा के लिए चुने गए और केंद्र में मंत्री भी रह चुके थे. अपने कांग्रेस से जुड़ाव में सुरेश पचौरी ने एक बार लोकसभा और एक बार विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन दोनों बार हार गए।
अर्जुन मोढवाडिया :
अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा पर कांग्रेस के स्टैंड पर सार्वजनिक तौर पर सवाल उठाने वाले गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पोरबंदर से विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने साल 2024 के मार्च महीने में कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामा. अर्जुन मोढवाडिया 40 वर्षों तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे.
मिलिंद देवड़ा :
मनमोहन सिंह सरकार में केंद्र में मंत्री रह चुके मिलिंद देवड़ा ने जनवरी 2024 में कांग्रेस का हाथ छोड़कर शिवसेना का दामन थाम लिया। शिवसेना ने उन्हें बाद में राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार बनाया और मिलिंद देवड़ा राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित। मिलिंद देवड़ा भी उन कांग्रेसी नेताओं में शामिल थे जो पार्टी की कार्यशैली से नाराज थे।
संजय निरुपम :
मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके और कांग्रेस के टिकट पर मुंबई से सांसद रह चुके संजय निरुपम को पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से निष्कासित किया गया. संजय निरुपम पिछले कुछ दिनों से लगातार पार्टी के फैसलों के खिलाफ खास कर मुंबई में लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे पर पार्टी के फैसले के खिलाफ बयान बाजी कर रहे थे. संजय निरुपम ने बताया कि कांग्रेस में आज की तारीख में पांच गुट हो गया है.
बॉक्सर बिजेंद्र सिंह :
मुक्केबाजी में भारत के पहले ओलंपिक पदक विजेता बॉक्सर विजेंद्र सिंह ने कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी का साथ पकड़ लिया। दक्षिणी दिल्ली से पिछला लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर विजेंद्र सिंह ने लड़ा था और इसबार भी मथुरा से चुनाव लड़ने के संभावित उम्मीदवारों में उनका नाम था.
राजेश मिश्रा :
वाराणसी से कांग्रेस के सांसद रह चुके राजेश मिश्रा ने मार्च 2024 में बीजेपी का दामन थाम लिया.
बाबा सिद्धिकी :
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके बाबा सिद्दीकी ने फरवरी 2024 में कांग्रेस छोड़कर अजीत पवार की एनसीपी में शामिल हो गए.
विभाकर शास्त्री :
लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी में फरवरी 2024 में शामिल हुए.
आचार्य प्रमोद कृष्णम :
कांग्रेस में प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले और राजस्थान में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की वकालत करने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस ने पार्टी विरोधी बयान बाजी के लिए निलंबित कर दिया. आचार्य प्रमोद कृष्णम भी भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस पार्टी के स्टैंड से नाखुश थे और इसकी मुखालफत करते थे।
रोहन गुप्ता :
कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख रह चुके रोहन गुप्ता ने हाल ही में कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस ने रोहन गुप्ता को गुजरात के लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बनाया था लेकिन पिता की तबीयत का हवाला देकर रोहन गुप्ता ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली इसके बाद उनके खिलाफ कुछ प्रतिक्रियाएं पार्टी नेताओं की तरफ से की गई और इसलिए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पत्र लिखकर कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया.