केएल राहुल वर्ल्ड कप 2023 में सिर्फ कमाल की बैटिंग ही नहीं, बल्कि शानदार विकेटकीपिंग भी कर रहे हैं. बांग्लादेश के खिलाफ मैच में राहुल ने अपनी बाईं ओर छलांग लगाकर एक हाथ से मेहदी हसन मिराज का शानदार कैच लपका था. ये कैच देखकर कोई ये नहीं कह सकता कि केएल राहुल रेगुलर विकेटकीपर नहीं है. क्योंकि उन्होंने किसी विकेटकीपर की तरह ही मोहम्मद सिराज की गेंद को भांपते हुए तेजी से अपनी बाईं तरफ छलांग लगकर कैच पकड़ा था. हालांकि, 15 दिन पहले ही राहुल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घर में हुए वनडे सीरीज में अपनी विकेटकीपिंग को लेकर ट्रोल हुए थे. फिर दो हफ्ते में उन्होंने ऐसा क्या किया कि वो कलाबाज विकेटकीपर बन गए? कैसे उन्होंने अपनी विकेटकीपिंग में इतना सुधार किया.
बता दें कि केएल राहुल सीधे वर्ल्ड कप में विकेटकीपिंग नहीं कर रहे. उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत ही बतौर विकेटकीपर बैटर की थी. वो काफी सालों तक कर्नाटक के लिए ऐज ग्रुप क्रिकेट में बतौर विकेटकीपर बैटर ही खेले हैं. हालांकि, तब कोच को उनकी बैटिंग में ज्यादा दम लगा और उन्होंने धीरे-धीरे राहुल को अपनी बल्लेबाजी पर फोकस करने के लिए कहा और एक समय के बाद उन्होंने विकेटकीपिंग छोड़ दी थी. लेकिन एक विकेटकीपर के तौर पर जो बुनियादी गुण चाहिए होते हैं, वो केएल राहुल में बने रहे. बस, उन्होंने बीते एक महीने में अपनी कमियों को दुरुस्त किया और विकेटकीपिंग स्किल में मामूली सुधार किए. इसका असर विश्व कप में साफ देखने को मिल रहा.
राहुल ने विकेटकीपिंग की दो कमियां की दूर
टीम इंडिया के फील्डिंग कोच टी दिलीप ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में ये बताया कि केएल राहुल की विकेटकीपिंग में क्या कमी थी और उन्होंने कैसे उसमें सुधार किया. दरअसल, केएल राहुल रेगुलर विकेटकीपर नहीं हैं. ऐसे में उनमें एक आदत थी कि वो जब भी गेंद को पकड़ने के लिए दाईं या बाईं तरफ मूव करते थे तो ग्लव्स ऊपर की तरह उठा लेते थे. ऐसे में कई बार उनके हाथ से गेंद छिटक जाती थी. दूसरा वो बैटर के शॉट खेलने के बाद तेजी से दौड़कर स्टम्प की तरफ नहीं आते थे या कई बार देरी से आते थे. इसी वजह से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले महीने हुई वनडे सीरीज में एक रन आउट मिस किया था और कई बार फील्डर के थ्रो पकड़ने में भी चूक गए थे. इसे लेकर राहुल काफी ट्रोल हुए थे.