इसरो के मून मिशन के लिए बड़ी खबर है. इसकी जानकारी खुद अध्यक्ष वी नारायणन ने रविवार दी. उन्होंने चेन्नई में उनको सम्मान में एख समारोह में इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि केंद्र ने हाल ही में चंद्रमा का अध्ययन करने के लिए महत्वाकांक्षी चंद्रयान-5 मिशन को मंजूरी दी है. इस मिशन को जापान की स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर पूरा किया जाएगा.
बेंगलुरू स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष का पदभार संभालने पर चेन्नई में कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में नारायणन ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के विपरीत, जिसमें 25 किलोग्राम का रोवर ‘प्रयागयान’ था, चंद्रयान-5 मिशन चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए 250 किलोग्राम का रोवर ले जाएगा.
सफल चंद्रयान मिशन
इसरो के इस चंद्रयान मिशन में चंद्रमा की सतह का अध्ययन करना शामिल है. 2008 में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-1 ने चंद्रमा का रासायनिक, खनिज और फोटो-भूगर्भिक मानचित्रण किया था. चंद्रयान-2 मिशन (2019) 98 प्रतिशत सफल रहा, लेकिन अंतिम चरण में मिशन का केवल दो प्रतिशत ही हासिल किया जा सका.