चालू वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) की दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर (July-September) के बीच देश की अर्थव्यवस्था ने 7.6 फीसदी के दर से विकास किया है. इसी वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान जीडीपी 7.8 फीसदी रही थी. वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में जीडीपी 6.3 फीसदी रही थी. ज्यादातर एनालिस्ट्स उम्मीद कर रहे थे कि दूसरी तिमाही में GDP की वृद्धि दर का आंकड़ा 6.8 फीसदी के आसपास रहेगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दूसरी तिमाही में 6.5 फीसदी जीडीपी रहने का अनुमान जताया था.
एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, कृषि क्षेत्र के ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) में 1.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जो 2022-23 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 2.5 फीसदी से कम है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की जीवीए बढ़कर 13.9 फीसदी हो गई, जबकि एक साल पहले इसमें 3.8 फीसदी की गिरावट आई थी. 2023-24 में अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान जीडीपी की ग्रोथ रेट 7.7 फीसदी रही, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में यह 9.5 फीसदी थी.
प्रमुख बुनियादी उद्योगों का उत्पादन अक्टूबर महीने में 12.1 फीसदी बढ़ा
8 प्रमुख बुनियादी उद्योगों का उत्पादन इस साल अक्टूबर में 12.1 फीसदी बढ़ा. पिछले साल समान माह में इसमें 0.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी. 30 नवंबर को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, उर्वरक को छोड़कर सभी क्षेत्रों में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई. सितंबर में प्रमुख क्षेत्र (कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली) की वृद्धि दर 9.2 फीसदी रही है. कोयला, इस्पात, सीमेंट और बिजली उत्पादन में वृद्धि दहाई अंक में रही. आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर तक 8 बुनियादी उद्योगों की उत्पादन वृद्धि 8.6 फीसदी रही, जो पिछले साल समान माह में 8.4 फीसदी थी.