प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 वर्षों में देश के 13 करोड़ से ज्यादा लोगों के गरीबी से बाहर आने का दावा करते हुए कहा है कि उनकी सरकार वंचितों को वरीयता देने के मंत्र को लेकर काम कर रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को रोजगार मेले के तहत देश भर के 37 स्थानों से जुड़े 51 हजार से ज्यादा युवाओं को विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नियुक्ति पत्र देने के बाद उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार की नौकरी में आने के बाद उन्हें भी समाज के अंतिम छोर पर बैठे आदमी के पास भी जाकर उनकी भलाई के लिए काम करना चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत सरकार की नीतियों और निर्णय ने देश की अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है. दुनिया के बड़े-बड़े देश भारत के विकास दर को लेकर बहुत सकारात्मक हैं. आजादी के बाद लंबे समय तक देश में समानता के सिद्धांत की अनदेखी की गई. 2014 से पहले समाज के एक बड़े वर्ग को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया था. 2014 में जब उन्हें देश ने सेवा करने का मौका दिया, सरकार चलाने की जिम्मेदारी दी, तो सबसे पहले हमने ‘वंचितों को वरीयता’ मंत्र को लेकर आगे बढ़ना आरंभ किया. सरकार खुद चलकर उन लोगों तक पहुंची, जिन्हें कभी योजनाओं का लाभ नहीं मिला, जिन्हें दशकों तक सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिली थी, वे उनका जीवन बदलने का प्रयास कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में लाखों युवाओं को भारत सरकार द्वारा नौकरी देने का अभियान लगातार जारी है. आज 50 हजार से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र दिए गए हैं. ये नियुक्ति पत्र उनके परिश्रम और प्रतिभा का नतीजा है. उन्होंने इन युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि भारत सरकार के कर्मचारी के तौर पर आप सभी को बड़े दायित्वों को निभाना है. आप जिस भी पद पर रहें, जिस भी क्षेत्र में काम करें, आपकी सर्वोच्च प्राथमिकता, देशवासियों की ईज ऑफ लिविंग ही होनी चाहिए.