कोलकाता पुलिस ने गुरुवार को राज्य विधानसभा परिसर में राष्ट्रगान का अपमान का आरोप लगाते हुए हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में 11 भाजपा विधायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इस मामले में भाजपा विधायक शंकर घोष, सदन में पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज टिग्गा सहित कुल 11 भाजपा विधायक शामिल हैं.
जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, उनमें बीजेपी से टीएमसी में गए विधायक सुमन कांजीलाल का भी नाम है. वह विरोध के समय टीएमसी के खेमे में थे. यही नहीं एफआईआर में भाजपा विधायक हिरणमय चट्टोपाध्याय का भी नाम था जो उस समय वहां मौजूद नहीं थे. जिसके बाद इस एफआईआर को लेकर विवाद शुरू हो गया है. बीजेपी का आरोप है कि ये एफआईआर राजनैतिक और बदले के लिए की गई है.
शुभेंदु अधिकारी का नाम नहीं हो सका शामिल
उधर इस एफआईआर में नेता विरोधी दल शुभेंदु अधिकारी का नाम पुलिस नहीं शामिल कर पायी, क्योंकि हाई कोर्ट ने उन्हें सुरक्षा कवच दे रखा है. इसे लेकर कोलकाता पुलिस कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रही है. उधर बीजेपी की तरफ से भी इस मामले में कोर्ट जाने की योजना है. टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा है कि शुभेंदु अधिकारी को कोर्ट का सुरक्षा कवच राष्ट्रगान के अपमान के मामले में नही मिलना चाहिए.
टीएमसी का केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन
बुधवार की दोपहर जब टीएमसी विधानसभा में केंद्र के ख़िलाफ राज्य को मिलने वाली राशि न देने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन कर रही थी, उसी समय वहां भाजपा के विधायक और नेता विरोधी दल शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में पहुंचे और टीएमसी के खिलाफ नारे लगाने लगे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तभी स्पीकर से कहा था कि वे उनके खिलाफ जो कदम उठाना चाहें उठा सकते हैं. पुलिस ने बताया कि जिन विधायकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई है उनसे जल्द ही पूछताछ की जाएगी. पश्चिम बंगाल विधानसभा के सचिव ने भाजपा के विधायकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.