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पेट्रोल-डीजल के दाम घटने का इंतजार है तो लगेगा झटका, जानें वजह जो अधिकारी ने बताई

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भारत में रहने वाले डेली ट्रेवलर्स के लिए सबसे बड़ा सवाल रहता है कि आखिर देश में पेट्रोल-डीजल के दाम कब घटेंगे? जब हाल ही में कच्चे तेल के दाम नीचे आए तो एक बार ऐसा लगा कि देश में भी पेट्रोल-डीजल के रेट में कटौती देखी जा सकती है. हालांकि इसके लिए आपको थोड़ा और ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है. ये बात आपको निराश कर सकती है लेकिन भारत के पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से अनौपचारिक संकेत तो इसी बात के मिले हैं. अगर आपको ईंधन के दाम घटने का इंतजार है तो कुछ समय और प्रतीक्षा में रहें.

पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि हालांकि अभी हाल-फिलहाल में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई वाले शहर के राज्य में भी विधानसभा चुनाव हैं लेकिन इन चुनावों के पहले भी फ्यूल के दाम में कटौती के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. पेट्रोलियम मंत्रालय के एक सीनियर ऑफिसर ने अपना नाम सामने न आने की शर्त पर कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव आ चुका है. हालांकि कीमतें एक दिन 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आईं थी लेकिन उसके बाद फिर से बढ़ गई हैं.

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की उम्मीद के बारे में पूछे जाने पर भी अधिकारी ने कहा कि वो कोई साफ जवाब देने में असमर्थ हैं. उन्होंने ये भी कहा कि कच्चे तेल का उतार-चढ़ाव बने रहने तक इस बात की संभावना कम ही है कि सरकारी पेट्रोलियम कंपनियां कीमतों में संशोधन करेंगे. ये जवाब सीनियर अधिकारी ने पीटीआई के सवालों के बदले दिए हैं.

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने 2021 के बाद से ही कीमतों में बदलाव नहीं किए जबकि इनकी लागत (कॉस्ट) में कमी आई है. पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों में लागत घटने के बावजूद कोई कटौती नहीं हो पा रही है और इसके पीछे वजह ये है कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. तीनों सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां और फ्यूल की रिटेलर्स कंपनियां लंबे समय से पेट्रोल और डीजल पर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन कीमतों में कटौती का फैसला करने से पहले वे कीमतों में सुधार का ट्रेंड बना रहे, ये पक्का करना चाहती हैं.

ग्लोबल ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स पिछले हफ्ते 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया और ये इसका दिसंबर 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर था. हालांकि बाद में इसका भाव फिर से चढ़ गया और आज के रेट देखें तो ब्रेंट 74.58 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.

देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें देखें तो इस साल की शुरुआत में जब लोकसभा चुनाव होने थे तो उससे पहले इनके भाव में कटौती देखी गई थी. हालांकि उस अप्रत्याशित स्थिति को छोड़कर अब दो साल से ज्यादा समय से इनके भाव में कोई बदलाव नहीं देखा जा रहा है. देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर है जबकि डीजल का रेट 87.62 रुपये प्रति लीटर है.

पेट्रोलियम कंपनियों ने अप्रैल 2022 में रिटेल कीमतों को फिक्स कर दिया था. इसके बाद सिर्फ एक बार (लोकसभा चुनाव 2024) के पहले पेट्रोल और डीजल के भाव में 2-2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी. उस समय इसे हालांकि पूरी तरह से चुनावी दांव के तौर पर देखा गया था.

कच्चे तेल को रिफाइनरी में पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदला जाता है. ऐसे में कच्चे तेल के दाम गिरने से फ्यूल की कीमतों में कटौती की भी उम्मीदें बढ़ने लगती हैं, लेकिन अभी तक ऐसा हुआ नहीं है. भारत अपनी पेट्रोलियम जरूरतों का 85 फीसदी इंपोर्ट से हासिल करता है और इसके दाम अंतरराष्ट्रीय दरों के हिसाब से तय होते हैं

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