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आसमानी परिंदा’ से ड्रैगन होगा पस्‍त, चीन की हर चाल होगी नाकाम, आ रहा भारत का खूंखार ‘बाज’

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पिछले कुछ वर्षों में समंदर में सामरिक हलचल तेज हो गई है. विभिन्‍न शक्तियां पूरे जोरशोर से आधिपत्‍य जमाने के लिए अपनी ताकतें बढ़ा रही हैं. खासकर चीन और व्‍यापारिक जहाजों पर हमले करने वाले हमलावर भारत के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं. इसे देखते हुए भारत समुद्र में अपनी ताकत को लगातार बढ़ा रहा है. इसी क्रम में भारत जल्‍द ही ऐसा हथियार हासिल करने वाला है, जिससे समुद्र में उसकी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. इसकी मदद से चीन की साजिशों पर जहां नजर रखी जा सकेगी, वहीं समुद्री लुटेरों से भी निपटा जा सकेगा. भारत और अमेरिका के बीच लगभग 4 अरब डॉलर का बड़ा रक्षा करार हुआ है.

अमेरिका का कहना है कि जनरल एटॉमिक्स एमक्यू9-बी सशस्त्र ड्रोन सौदे से भारत की समुद्री सुरक्षा और समुद्री क्षेत्र जागरूकता क्षमता (एमडीए) में बढ़ोतरी होगी. समुद्री क्षेत्र में जागरूकता क्षमता का अर्थ है कि समुद्री क्षेत्र से जुड़ी ऐसी हर बात को लेकर जागरूक होना जो सुरक्षा, अर्थव्यवस्था या पर्यावरण को प्रभावित कर सकती है. अमेरिका ने 3.99 अरब अमेरिकी डॉलर की अनुमानित लागत पर भारत को 31 एमक्यू-9बी सशस्त्र ड्रोन की बिक्री करने को पिछले सप्ताह मंजूरी दे दी. इससे समुद्री मार्गों में मानवरहित निगरानी और टोही गश्त के जरिये वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपटने की भारत की क्षमता बढ़ेगी.

ड्रोन सौदा
ड्रोन सौदे की घोषणा जून 2023 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के दौरान की गई थी. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमारा मानना है कि इस बिक्री से भारत की समुद्री सुरक्षा और समुद्री क्षेत्र जागरूकता क्षमता बढ़ेगी.’ पटेल ने आगे कहा, ‘यह (सौदा) भारत को इन विमानों का पूर्ण स्वामित्व प्रदान करता है और इस क्षेत्र में हम अपने भारतीय भागीदारों के साथ सहयोग को गहरा करना जारी रखेंगे.’

चीन को करारा जवाब
इंडियन ओशन रीजन या हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेना की बढ़ती उपस्थिति और गतिविधियां भारतीय नीति निर्माताओं और सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए चिंता और चर्चा का विषय बनी हुई है. साल 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई. सुरक्षा जानकारों की मानें तो यह तनाव हिन्द महासागर में भी महसूस हो रहा है, क्योंकि दोनों ही देश इस इलाक़े में अपना दबदबा बनाना चाहते हैं. भारत-अमेरिका के बीच हुआ ड्रोन सौदा काफी महत्‍वपूर्ण है.

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