वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express Train) ट्रेनों को यात्रियों ने खूब पसंद किया है. तेज रफ्तार और शानदार सुविधाओं से लैस इस ट्रेन के दीवाने भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है. सरकार की योजना इस सेमी हाई स्पीड ट्रेन के निर्यात की भी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister ashwini vaishnaw) ने इस बात का खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि कई देशों ने वंदे भारत एक्सप्रेस को खरीदने के लिए पूछ-परख की है और आने वाले कुछ वर्षों में भारत इस शानदार ट्रेन का निर्यात (Vande Bharat Express Train Export) शुरू कर देगा.
बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रेल मंत्री ने कहा, “रेल मंत्रालय स्वदेशी डिजाइन और दक्षता के साथ सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की इकाइयों के अलावा वंदे भारत ट्रेन के कंपोनेंट के निर्माण के लिए अपनी कार्यशालाओं को सक्षम बना रहा है.” उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेन का अपने देश में अपने इंजीनियर्स की सहायता से निर्माण करना एक बड़ी चुनौती थी. इसी चुनौती पर हमने विजय पा ली है. अश्विनी वैष्णव ने दावा किया कि आने वाले कुछ वर्षों में भारत दूसरे देशों को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन निर्यात करने में सक्षम हो जाएगा.
चल रही हैं 82 वंदे भारत एक्सप्रेस
भारत में इस समय 82 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं. रेल मंत्री ने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों की स्पीड बढाने पर भी काम चल रहा है. नई दिल्ली-मुंबई और नई दिल्ली- हावड़ा रूट पर वंदे भारत ट्रेनों को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलाने के प्रयास किया जा रहे हैं.
रोज बन रहा है 15 किलोमीटर नया ट्रैक
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्र में एनडीए सरकार आने के बाद से भारत में नए रेलवे ट्रैक के निर्माण को गति मिली है. साल 2004 से 2014 तक औसतन प्रतिदिन चार किलोमीटर रेलवे ट्रैक का निर्माण होता था. अब हर दिन 15 किलोमीटर में पटरियां बिछाई जा रही हैं. पिछले दस वर्षों में 41 हजार किलोमीटर रेलवे नेटवर्क का इलेक्ट्रिफिकेशन किया गया है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2004 से 2014 तक रेलरे वे में निवेश 15,674 हजार करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कैपेक्स 2,52,000 करोड़ रुपये है.