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नापाक इरादों से भारत में की घुसपैठ, बैरा बन साजिश पर करता रहा काम, 5 साल बाद लगाया आखिरी दांव, और फिर…

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अपने नापाक मंसूबों के साथ भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाला अंचिगनु मार्मा बीते कई सालों से अपनी साजिश की पटकथा पर काम कर रहा था. भारतीय सीमा में दाखिल होने से पहले अंचिगनु मार्मा ने साजिश की पटकथा का हर पात्र और उसकी भूमिका तय कर दी थी. बांग्‍लादेश में लिखी गई साजिश की पटकथा का पहला अध्‍याय त्रिपुरा में फेनी नदी के किनारे बसे सबरूम कस्‍बे से शुरू होता है. भारत और बांग्‍लादेश की सीमा को बांटने वाली फेनी नदी के रास्‍ते अंचिगनु मार्मा 2019 में घुसपैठ कर सबरूम में दाखिल हुआ था.

अंचिगनु मार्मा को पता था कि उसे सबरूम में लंबा वक्‍त गुजारना है, लिहाजा उसने सबसे पहले एक स्‍थानीय एजेंट की मदद से अपने रहने का इंतजाम किया. इसके बाद, वह अपनी पहचान बदलने की कोशिश में जुट गया. साजिश के तहत, उसने एजेंट की मदद और रुपयों के बल पर उदयपुर के एक अस्‍पताल से अपने नाम का जन्‍म प्रमाण पत्र हासिल कर लिया. इस जन्‍म प्रमाणपत्र का इस्‍तेमाल तमाम भारतीय दस्‍तावजों को हास‍िल में किया गया. देखते ही देखते अंचिगनु ने गलत तरीके हासिल किए गए दस्‍तावेजों की मदद से अपना आधार कार्ड भी बनवा लिया.

हासिल किए आधार कार्ड से लेकर पासपोर्ट तक सभी भारतीय दस्‍तावेज
करीब चार साल तक त्रिपुरा के सबरूम कस्‍बे में रहने के बाद अंचिगनु मार्मा ने अपना रुख महाराष्‍ट्र के पुणे शहर की तरफ करने का फैसला किया. अंचिगनु के कहने पर सबरूम के एजेंट ने अपने कुछ जानकारों की मदद से पुणे में रहने से लेकर नौकरी तक का इंतजाम कर दिया. इसके बाद, अंचिगनु 2023 में त्रिपुरा के सबरूम कस्‍बे से महाराष्‍ट्र के पुणे शहर पहुंच गया. पुणे पहुंचने के बाद अंचिगनु ने दिखावे के लिए स्‍थानीय होटल में वेटर का काम शुरू कर दिया. इस बीच, त्रिपुरा के एजेंट ने अंचिगनु के लिए फर्जी पते पर पासपोर्ट भी जारी करवा लिया था.

किस्‍मत ने ली करवट और पल भर में फैल गया सालों की मेहनत पर पानी
अब दस्‍तावेजों के हिसाब से अंचिगनु पूरी तरह से भारतीय मूल का नागरिक हो चुका था. अब उसके पास भारतीय मूल के जन्‍म प्रमाणपत्र से लेकर आधार कार्ड और पासपोर्ट जैसे प्रमुख दस्‍तावेज उपलब्‍ध थे. साजिश की अगली कड़ी में अंचिगनु ने हांगकांग के लिए रवाना हो गया. हांगकांग पहुंचते ही अंचिगनु की किस्‍तम ने उसका साथ छोड़ दिया और उसे वहां की सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में लेकर आईजीआई एयरपोर्ट के लिए डिपोर्ट कर दिया. वहीं, आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचते ही इंटेलीजेंस ब्‍यूरो के अंतर्गत आने वाले इमीग्रेशन अधिकारियों ने अंचिगनु को अपनी हिरासत में ले लिया.

पुलिस की पूछताछ में प्‍याज के छिलके की तरफ बाहर आने लगी बातें
इमीग्रेशन ब्‍यूरो के अधिकारियों ने प्रारंभिक पूछताछ के बाद अंचिगनु को आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने भी आरोपी अंचिगनु के खिलाफ आईपीसी की धारा 420/468/471/34 और पासपोर्ट एक्‍ट की धारा 12 के तहत एफआईआर दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी. पूछताछ में किन बातों का हुआ खुलासा, कौन थे इस घुसपैठिए के मददगार और किस इरादे से घुसपैठ कर भारत आया था यह शख्‍स, जानने के लिए 

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