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32, 10 और 6… महायुति गठबंधन में सीट बंटवारे पर बन गई बात

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लोकसभा चुनाव को लेकर महाराष्ट्र की सत्ताधारी महायुति गठबंधन में सीट बंटवारे पर सहमति बनने की खबर है. सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र की सत्ताधारी बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में सीट बंटवारे को लेकर समझौता हो गया है. सूत्रों ने बताया कि महायुति में तय सीट शेयरिंग फॉर्मूला के तहत राज्य की कुल 48 लोकसभा सीटों में से बीजेपी सबसे अधिक 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं शिवसेना 10, जबकि अजित पवार की एनसीपी 6 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

इससे पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए महायुति गठबंधन को लेकर दिल्ली में सकारात्मक चर्चा हुई और 80 प्रतिशत मुद्दे सुलझा लिए गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी शुक्रवार को महाराष्ट्र में गठबंधन के सहयोगी दल शिवसेना के प्रमुख एकनाथ शिंदे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष अजित पवार के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत की थी. इस बैठक में फडणवीस भी मौजूद थे.

10 सीटों की मांग पर अड़े थे अजित पवार
महायुति से जुड़े सूत्रों ने शुक्रवार को बताया था कि अगली बैठक 11 मार्च को हो सकती है, क्योंकि पूरी संभावना है कि निर्वाचन आयोग 15 मार्च तक लोकसभा चुनाव की घोषणा कर दे. वहीं एनसीपी के अंदरूनी सूत्रों ने स्वीकार किया कि शुक्रवार देर रात गृह मंत्री अमित शाह और अजित पवार के बीच हुई बैठक, जिसमें प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे भी शामिल थे, बेनतीजा रही क्योंकि पार्टी नौ से 10 सीटों की अपनी मांग पर अड़ी हुई है.

हालांकि, शुक्रवार की बातचीत की जानकारी रखने वाले एनसीपी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पार्टी को केवल तीन सीटें- बारामती, शिरूर और रायगढ़ (2019 के आम चुनावों में एकजुट एनसीपी द्वारा जीती गई) – मिल सकती हैं, जबकि भाजपा ने एनसीपी को डिंडोरी और गढ़चिरौली सीटें देने की पेशकश की है बशर्ते उसके प्रत्याशी कमल के निशान पर चुनाव लड़ें.

पिछले लोकसभा चुनाव का हाल
शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी, और बीजेपी महाराष्ट्र में गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने जिन 25 सीट पर चुनाव लड़ा था, उनमें से 23 पर जीत हासिल की थी और उसकी तत्कालीन गठबंधन सहयोगी अविभाजित शिवसेना ने जिन 23 सीट पर चुनाव लड़ा था, उनमें से 18 पर जीत दर्ज की थी. इसके अलावा विपक्षी गठबंधन में शामिल अविभाजित एनसीपी ने 19 सीट पर चुनाव लड़ा था और सिर्फ चार सीट जीतने में कामयाब रही थी. हालांकि इस बार शिवसेना और एनसीपी दोफाड़ हो चुकी है, ऐसे में उनकी सीटों की दावेदारी भी कम हो गई है.

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