आमतौर पर बैंक उन्हीं ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड (Credit Card) देती है, जिनका क्रेडिट/सिबिल स्कोर अच्छा रहता है. इसी तरह नौकरीपेशा लोगों के लिए एक क्रेडिट कार्ड हासिल करना मुश्किल नहीं है. आमतौर पर क्रेडिट कार्ड उन्हें उस बैंक की तरफ से ही मिल जाता है, जहां सैलरी अकाउंट होता है. हालांकि सिबिल स्कोर खराब होने पर या कोई क्रेडिट हिस्ट्री न होने पर क्रेडिट कार्ड एप्लिकेशन को रिजेक्ट भी किया जा सकता है. अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब है या क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है तो घबराने की जरूरत नहीं है. आज हम आपको 4 तरीके बताएंगे जिसके जरिए ऐसे लोग भी क्रेडिट कार्ड हासिल कर सकते हैं.
FD के बदले आसानी से मिलता है सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड
सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड (Secured Credit Card) उनके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है, जिनका क्रेडिट स्कोर खराब है या क्रेडिट हिस्ट्री ही नहीं है. सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड कोलैटरल डिपॉजिट के बदले में मिलने वाला कार्ड होता है. ये कार्ड फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले में दिया जाता है. ज्यादातर सिक्योर्ड कार्ड की लिमिट एफडी के 80-90 फीसदी तक रखी जाती है. इस तरह के कार्ड क्रेडिट हिस्टी को जेनरेट करने में मदद करता है. यह आपके क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने में भी मदद करता है.
कुछ लेंडर्स ज्यादा ब्याज दर पर देते हैं कार्ड
कुछ लेंडर्स उन्हें भी क्रेडिट कार्ड देते हैं जिनका क्रेडिट स्कोर खराब है. हालांकि इसके लिए वे ज्यादा ब्याज दर, ज्यादा एनुअल चार्ज और एक्सट्रा चार्ज लगाते है. इस तरह से खराब क्रेडिट स्कोर वालों के लिए यह विकल्प महंगा है.
छोटे बैंकों के उदार मानदंड
ऐसे मामलों में छोटे बैंकों और क्रेडिट यूनियन के उदार मानदंड होते हैं. ये आवेदकों को ज्यादा फ्लेक्सिबल ऑप्शन देते हैं. ये सिबिल स्कोर से परे फैक्टर्स को ध्यान में रखते हैं.
Co-Signer के साथ क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन
को-साइनर (Co-Signer) के साथ क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने पर अप्रूवल चांस बढ़ जाते हैं. हालांकि पेमेंट डिफॉल्ट करने पर दोनों पार्टियों के क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है.