Home देश-विदेश जब चांद पर चंद्रयान-3 के लैंडिंग के 2 दिन बाद ही टेंशन...

जब चांद पर चंद्रयान-3 के लैंडिंग के 2 दिन बाद ही टेंशन में आ गया था ISRO, फंस गया था पेच मगर…जानें क्या हुआ था

8

भले ही चांद पर विक्रम और प्रज्ञान चैन की नींद सो रहे हों, मगर इसरो का मिशन चंद्रयान-3 अब तक पूरी तरह से सफल रहा है. चंद्रयान-3 से इसरो और भारत को जो उम्मीदें थीं, उसे विक्रम और प्रज्ञान ने स्लीप मोड में जाने से पहले कर दिखाया है. यह बात तो हम सभी जानते हैं कि चंद्रयान-3 पूरी तरह से सफल रहा था, मगर चांद पर लैंडिंग के दो दिन बाद ही रोवर प्रज्ञान के साथ कुछ तकनीकी खराबी आ गई थी, जिससे इसरो के वैज्ञानिक टेंशन में आ गए थे. दरअसल, मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि चांद पर लैंडिंग के बाद चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान में लगे एक अहम पेलोड ने कुछ क्षण के लिए काम करना बंद कर दिया था. हालांकि, बाद में इसे तुरंत ठीक कर लिया गया और इस तरह से चंद्रयान-3 मिशन अपने लक्ष्यों को हासिल करने में कामयाब रहा.

चंद्रमा पर विक्रम के उतरने और रोवर प्रज्ञान के चंद्रयान-3 से बाहर निकलने के दो दिन बाद 25 अगस्त को रोवर पर लगे उपकरणों में से एक में क्षणिक ब्लैकआउट हो गया था. चंद्रयान-3 के रोवर पर अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस) के प्रमुख चांजकर्ता रहे संतोष वडावले ने कहा कि रोवर पर लगा एक उपकरण बंद हो गया था. जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि यह रोवर सेफ्टी संसिडेरेशन को देर से जोड़ने के कारण ऐसा हुआ था. इससे अनजाने में APXS का कमांड बंद हो गया. इसके बाद तुरंत इस खराबी को ठीक किया गया, जिसके बाद उपकरण ने चांद की मिट्टी और चट्टानों का सफलतापूर्वक चांद पर ही जांच शुरू कर दी.

चंद्रयान-3 के पेलोड ने बढ़िया काम किया
चंद्रयान-3 वैज्ञानिक टीम का हिस्सा रहे संतोष वडावले ने कहा कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को चांद पर कभी भी जागने के लिहाज से डिजाइन नहीं किया गया था. अहमदाबाद में इसरो की भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) में काम करने वाले वैज्ञानिक संतोष वडावले ने उन रिपोर्टों को भी सिरे से खारिज कर दिया कि चंद्रयान-3 पूरी तरह से सफल नहीं था, क्योंकि विक्रम और प्रज्ञान 22 सितंबर को दूसरे चंद्र दिवस की सुबह के बाद नहीं जाग पाए थे. इस पर उन्होंने कहा कि रोवर और लैंडर को जागने के लिहाज से बनाया ही नहीं गया था. उन्होंने दोहराया कि भारत का मून मिशन पूरी तरह सफल रहा है. उन्होंने दावा किया कि चंद्रयान -3 पेलोड ने उत्कृष्ट वैज्ञानिक डेटा प्रदान किया और एपीएक्सएस ने शानदार जानकारी दी है, जिसका विस्तार से विश्लेषण किया जा रहा है.

इसरो प्रमुख ने रोवर और लैंडर पर क्या कहा
वहीं, इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने गुरुवार को कहा था कि चंद्रयान-3 का रोवर ‘प्रज्ञान’ चंद्रमा की सतह पर सुप्तावस्था में है, लेकिन इसके फिर से सक्रिय होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी इस बात से भली-भांति अवगत है कि रोवर और लैंडर ‘विक्रम’ चंद्रमा की सतह पर सुप्तावस्था या निष्क्रय अवस्था में चले गये हैं. उन्होंने कहा कि ‘चंद्रयान-3’ मिशन का उद्देश्य ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ था और इसके बाद अगले 14 दिन तक प्रयोग किए गए और सभी जरूरी आंकड़े एकत्र कर लिये गये हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here