अरब सागर में गुरुवार का दिन शोरशराबे से भरा रहा. समंदर पर भारतीय वायुसेना और फ्रांस के राफेल अभ्यास कर रहे थे. फाइटर जेट के इंजन की धमक आस पास मौजूद चीन पाकिस्तान के जंगी जहाजों ने भी सुनी होगी. अभी तो फ्रांस के राफेल एम भारतीय वायुसेना के साथ उड़ान भर रहे थे. जल्द भारतीय नौसेना के राफेल विमान भी समंदर पर मंडराएंगे. फ्रांस का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप अपने अलगे पड़ाव के लिए गोवा से रवाना हो चुका है. यह कैरियर स्ट्राइक ग्रुप 3 जनवरी से 9 जनवरी तक भारत में रहा. यह स्ट्राइक ग्रुप में न्यूक्लियर पावर्ड एयरक्राफ्ट कैरियर FNS चार्ल्स डी गॉल अपने एस्कॉर्ट्स शिप एक फ्रीगेट, अटैक सबमरीन और सप्लाई शिप के साथ गोवा पहुंचा था. अब भारत आया तो अभ्यास तो होना लाजमी था. नोसेना के साथ पास एक्स अभ्यास को अंजाम दिया. इसमें भारतीय नौसेना के डिस्ट्रॉयर, ऑयल टैंकर जहाजों ने हिस्सा लिया.
सुखोई ने राफेल के साथ टैक्टिकल ऑपरेशन को दिया अंजाम
पिछले कुछ साल में भारतीय वायुसेना ने समंदर के उपर अपनी स्ट्राइक कैपेबिलिटी को बढ़ाने शुरु किया. कई बड़े अभ्यास को हर साल अंजाम दिया जा रहा है. समंदर उड़ान भरते हुए दुश्मनों के शिप और एयरक्राफ्ट को सटीक निशाना बनाना है. फ्रांस के साथ लार्ज फोर्स इंगेजमेंट के तहत भारतीय वायुसेना ने एयरियल अभ्यास को अंजाम दिया. भारतीय वाययुसेना की तरफ से सुखोई और जैगुआर, इल्कट्रोनिक वॉरफेयर एयरक्राफ्ट, C130j सुपर हरक्युलिस और एयर रिफ्यूलर शामिल थे. फ्रांस की तरफ से एयरक्राफ्ट कैरियर पर मौजूद राफेल एम और E2C हॉकआई एयरक्राफ्ट ने हिस्सा लिया. इस अभ्यास में BVR यानी बियोंड विजुअल रेंज टैक्टिकल ऑपरेशन को अंजाम दिया.
अमेरिकी F-18 पर भारी पड़ा फ्रांस का रफाल
4 जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री फ्रांस में बैस्टिल डे परेड में ख़ास मेहमान के तौर पर मौजूद थे. वह साल था भारत और फ्रांस के बीच 25 साल की रणनीतिक साझेदारी का. इस दौरे से ठीक पहले रक्षा खरीद परिषद ने नेवी के लिए 26 राफेल M की खरीद को हरी झंडी दी. नौसेना ने एयरक्रफ्ट कैरियर INS विक्रांत लिए फ्रांस का राफेल M और अमेरिकी F-18 को शॉर्टलिस्ट किया था. अमेरिकी F-18 को स्की जंप एयरक्रफ्ट कैरियर से उड़ान भरने का तजुर्बा नहीं है. सभी अमेरिकी एयरक्रफ्ट कैरियर कैटापुल्ट बेस्ड कैरियर है. अमेरिका ने खास तौर पर स्की जंप बेस्ड कैरियर से टेकऑफ और लैंडिंग के हिसाब से अपग्रेड किया था. गोवा के SBTF यानी की शोर बेस्ड टेस्ट फैसिलिटी पर सफल परिक्षण किया गया. इतना सब कुछ करने के बाद भी राफेल M ने बाजी मार ली. इस साल फरवरी में प्राधामंत्री नरेंद्र मोदी पेरिस की यात्रा पर जाने वाले है और पीएम इस दौरे में इस ड़ील पर मुहर लगेगी.
खासियतों की भरमार
समंदर के उपर उड़ान भरने वाले नेवी के फाइटर एयरक्राफ्ट वायुसेना के फाइटर से अलग होते है. राफेल भारतीय वायुसेना के पास भी है. अब नौसेना के पास भी होंगे. इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसकी रेंज और शर्ट रनवे से फुल लोड के साथ टेकऑफ लेना. राफेल 2200 किलोमीटर प्रतिघंटा की टॉप स्पीड पर उड़ान भर सकता है. एक बार टेकऑफ लेने के बाद यह 37000 किलोमीटर तक की उड़ान भर सकता है. यह 57000 फिट की उचांई तक आसानी से जा सकता है. राफेल जेट फ्रांस के डसॉल्ट एविएशन द्वारा बनाए गए हैं. यह ट्विन इंजन मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट है. एयर टू एयर और एयर टू सर्फेस मार करने वाली मिसाइलों से लेस है. एंटी शिप मिसाइलें दागने में महिर है. हवा में इंधन भरने की क्षमता इसकी माकर क्षमता में इजाफा कर देता है.